मंगल दोष (जिसे मांगलिक दोष भी कहा जाता है) वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण दोष है, जिसका प्रभाव वैवाहिक जीवन और स्वास्थ्य पर पड़ता है। जब मंगल ग्रह किसी व्यक्ति की कुंडली में 1, 4, 7, 8, या 12वें भाव में स्थित होता है, तो इसे मंगल दोष कहा जाता है। यह दोष वैवाहिक जीवन में तनाव, स्वास्थ्य समस्याओं, और अनावश्यक खर्चों का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं मंगल दोष के लक्षण और उसके समाधान के उपाय।
मंगल दोष के लक्षण
मंगल दोष वाले व्यक्तियों को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है:- वैवाहिक जीवन में समस्याएं: मांगलिक दोष से वैवाहिक जीवन में अनबन, तलाक, या संबंधों में तनाव की संभावना बढ़ जाती है। मंगल ग्रह की अशुभ स्थिति वैवाहिक जीवन को अशांत बना सकती है।
- शारीरिक और मानसिक तनाव: मंगल का प्रभाव व्यक्ति को अधिक गुस्सैल और अधीर बना सकता है, जिसके कारण मानसिक तनाव बढ़ सकता है। व्यक्ति को छोटी-छोटी बातों पर क्रोध आ सकता है।
- स्वास्थ्य समस्याएं: मंगल दोष से व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं, जैसे रक्त से जुड़ी बीमारियाँ, शारीरिक चोट, और सिरदर्द जैसी समस्याएं।
- आकस्मिक दुर्घटनाएं: मंगल दोष वाले व्यक्तियों के जीवन में दुर्घटनाओं का खतरा अधिक होता है। खासतौर पर आग या वाहन दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
- धन हानि और अनावश्यक खर्च: मंगल दोष से वित्तीय मामलों में अनावश्यक खर्चे हो सकते हैं, और व्यक्ति को धन की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
- पारिवारिक कलह: परिवार में आपसी रिश्तों में तनाव और विवाद भी मंगल दोष के कारण हो सकता है, विशेषकर तब जब व्यक्ति के गृहस्थ जीवन में समस्याएं हों।